” क्या किसी भी हद तक ? नए आने वाले पूछते हैं ! ” किसी भी हद तक से आप का मतलब क्या है मतलब क्या है” ? एडिक्शन के अपने सक्रिय और नशे का मजा लेने के लिए किसी भी हद को पार कर लेने के विषय में मुड़ कर देखने पर किसी भी हद तक के सवाल को बखूबी समझा और समझाया जा सकता है ! थोड़ा-सा नशीला पदार्थ हासिल कर लेने के लिए क्या हम मीलों भटकना पसंद नहीं करते थे ? जवाब है , हां, हम आम तौर से ऐसा करते थे ! तब समझ लीजिए कि अगर हम नशे से दूर रहने के लिए भी उतने ही संजीदा और लालायित हैं , जितना कि नशा करने के लिए हुआ करते थे, तब हम मीटिंग में जाने के लिए सब कुछ करने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे !
अपने एडिक्शन में क्या हम दीवानगी से भरी हुई उन्मत्त एवं सनक-भरी हटते नहीं कर बैठते थे ? क्या दूसरों की बातों में आकर हम एकदम अनबुझे नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करते थे ? अगर हां , तब हमें इस वक्त अपने सुधार के मामले में वांछित नक्शे-कदम पर चलने में इतनी परेशानी क्यों ? जबकि सुधार के समस्त दिशा निर्देश हमारे अपने ही उत्थान के लिए बनाए गए हैं ! और जब हम दबाकर नशा करते थे , तब क्या हताशा के क्षणों में अपनी उच्च- शक्ति को बहुधा याद करके हम यह प्रार्थना नहीं करते थे ” हे उच्च-शक्ति तू ही मुझ पर रहम कर ! अपने रहमों-ओ-करम से तू ही मुझे इस बला से छुटकारा दिला !” तब इससे छुटकारा पाने के लिए प्रभु की शरण में जाने में अब इतनी कठिनाई , इतना अवसाद क्यों ?
जब हम नशे के आदी थे , तब हम हर तरह खुले दिलो-दिमाग से ज्यादा से ज्यादा नशीले पदार्थ पा लेने के रास्ते और साधन बराबर ढूंढा करते थे ! अगर हम दिलो-दिमाग के खुलेपन के वे ही तौर-तरीके अब अपने सुधार के क्षणों में भी इस्तेमाल करें , तब हम खुद ही चकित रह जाएंगे कि हमने कितनी आसानी और सहजता से एन.ए कार्यक्रम को समझना शुरू कर दिया है ! आमतौर से यही कहा जाता है कि हमारी उत्कृष्ट चेतना ही हमें नारकोटिक्स एनोनिमस के कक्षों तक ले जाती है ! अगर हम वाकई किसी भी हद तक जाना चाहते हैं , तो हमें दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना होगा और अपने दिलो-दिमाग को खुला रखना होगा , तभी हम नशे से दूर (क्लीन) रह पाएंगे !
सिर्फ आज के दिन : क्लीन रहने के लिए मैं किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं ! मैं निर्देश ग्रहण करने के लिए अपने को , बराबर खुले दिमाग को और तैयार रखूंगा !
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